भारत जल्‍द ही मिसाइल ईगला एस को हिमालय में चीन के खिलाफ तैनात करेगा

मास्‍को
 रूस ने यूक्रेन युद्ध के बीच भारत को सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल ईगला एस की आपूर्ति की है। भारत जल्‍द ही इस मिसाइल को हिमालय में चीन के खिलाफ तैनात करने जा रहा है। यह मिसाइल कहीं भी आसानी से ले जाई जा सकती है और कंधे पर रखकर फायर की जा सकती है। इसके जरिए फाइटर जेट, ड्रोन और क्रूज मिसाइलों को निशाना बनाया जा सकता है। रूस ने इस मिसाइल की आपूर्ति ऐसे समय पर की है जब चीन और भारत के बीच तनाव काफी बढ़ा हुआ है। वहीं यूक्रेन युद्ध के बीच रूस और चीन के बीच दोस्‍ती बिना किसी लिमिट वाली हो गई है। व‍िशेषज्ञों का कहना है कि यह मिसाइल देना दिखाता है कि चीन के साथ करीबी होने के बाद भी रूस भारत के साथ दोस्‍ती को कमजोर नहीं करने जा रहा है।

भारतीय सेना ने साल 2021 में भारतीय सेना ने सबसे पहली बार इस सोव‍ियत डिजाइन वाली मिसाइल का इस्‍तेमाल शुरू किया था। चीन के साथ 4 साल से चल रहे तनाव के बीच भारत कंधे पर रखकर दागे जाने वाली इस मिसाइल को बड़े पैमाने पर खरीद रहा है। इससे पहले साल 2020 में गलवान हिंसा के दौरान भारत के कई जवान शहीद हो गए थे। व‍िशेषज्ञों का कहना है कि रूस का यह मिसाइल देना दिखाता है कि दोस्‍ती के बाद भी चीन हथियार मामले में रूसी नेतृत्‍व को भारत के खिलाफ झुका नहीं पाया। चीन भारत को हथियार बेचने का रूस से व‍िरोध करता रहा है लेकिन पुतिन ने साफ कह दिया है कि वह ड्रैगन की इस बात को नहीं मानेंगे।

'भारत पर रूस को झुका नहीं पाया चीन'

ऑब्‍जरवर रीसर्च फाउंडेशन के नंदन उन्‍नीकृष्‍णन ने न्‍यूजवीक मैगजीन से कहा, 'आम जनता को इस समझौते की असली शर्तें नहीं पता हैं लेकिन आम राय यही है कि किसी हथियार को देने से पहले रूस उसके इस्‍तेमाल के संबंध में कोई शर्त नहीं लगाता है।' उन्‍होंने कहा कि अब तक रूस और चीन के रिश्‍तों ने भारत और रूस के बीच रक्षा भागीदारी को प्रभाव‍ित नहीं किया है। हाल ही में भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल फ‍िलीपीन्‍स को बेची है जिसे उसने रूस के साथ मिलकर बनाया है। फिलीपीन्‍स के साथ चीन का तनाव चल रहा है और मनीला का अमेरिका के साथ रक्षा समझौता भी है।

रूस से 10 दिन में भारत पहुंचेगा सामान

फिलीपीन्‍स जल्‍द ही ब्रह्मोस मिसाइल को दक्षिण चीन सागर में दादागिरी दिखा रहे चीन के खिलाफ तैनात करेगा। फिलीपीन्‍स के पूर्व रक्षा मंत्री डेलफिन लोरेंजाना का कहना है कि दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस उनके देश की संप्रभुता के खिलाफ किसी दुस्‍साहस का करारा जवाब देगी। वहीं अमेरिकी प्रफेसर क्रिस्‍टोफर क्‍लारी का कहना है कि रूस पर चीन के बढ़ते प्रभाव और भव‍िष्‍य में होने वाले असर से भारत चिंतित हो सकता है। उन्‍होंने कहा कि भारत को इस बात से चिंतित होना चाहिए कि अगर कोई बड़ा सैन्‍य टकराव होता है तो चीन रूस पर हथियारों की आपूर्ति को रोकने के लिए अपना पूरा दबाव डाल सकता है।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button